पुराने समय से ही सेक्स जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहा है।लेकिन आज का युवा वर्ग मानसिक अवसाद में आकर यौन समस्याओं का शिकार हो रहा है।और लोगों में भ्रांतियां बनी हुई हैं। सेक्स जीवन में उस समय से जुड जाता है जब व्यक्ति बचपन से युवा उम्र में
प्रवेश करता है,तभी इंसान को सेक्स पर सही जानकारी मिलनी चाहिए। अगर ढंग से चिकित्सीय सलाह दी जाए तो सेक्स रोगों में कमी आ सकती है। न्यू टेक्नोलोजी के चलते इंटरनेट और मोबाइल, का इसका उपयोग हो रहा है बल्कि लोग पहले से ज्यादा एक-दूसरे से चैटिंग के जरिए अपने दोस्त विदेशों में बना रहे हैं। इन सब के पीछे उन के दिल में छिपी यौन कामना ही है।जिस की वजह से युवाओं का वर्ग धीरे-धीरे मानसिक हताशा का शिकार हो रहा है। और कुछ समय में ही मानसिक चिकित्सकों के पास सेक्स के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कम उम्र में सेक्स के अनुभव का प्रयास युवाओं को मानसिक अवसाद की ओर ले जा रहा है। इससे उन में शीघ्रपतन की समस्या भी सामने आने लग रही है है।और लेड़ीस को अगर एक बार सेक्स का डर बैठ गया तो उन्हें ता उम्र मानसिक अवसाद रहता है , सेक्स बीमारियों का इलाज जागरूकता व शिक्षा से ही संभव है। सेक्स लाइफ का एक अंग है।लेकिन कई लोग पर्याप्त जानकारी के अभाव में स्वयं को सेक्स के मामले मैं हीनभावना महसूस रहे है। अगर हो सके तो उन्हें डाक्टर्स और कोन्स्लर की सलाह लेना चाहिए ।
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