Thursday, 13 December 2012

सम्मान

              मुझे अपने भारत मैं  पढे-लिखे, सभ्य, अमीर लोगों के  नाम की नेक्स्ट जनरेसन  क़ोम  पर पूरा भरोसा है . कि वो हमारे देश को बहुत आगे ले जायेगे।. कल हमारे  मोहल्ले की  नेक्स्ट जनरेसन काम करने वाले मजदूर को  डांट रहे थे। मजदूर लोगो को ये सम्मान देना जानते है। ये सम्मान या उपाधि उनके माँ बहन बेटियों  के जिस्मानी सबंधो से जोड़ रहे थे .क्या करे ये मजदूर लोग इनकी माँ बहन बेटियां  की गलियों के लिए ही बने है आपकी माँ बहन बेटी है तो इज्जत देने के लिए सम्मान पाने के लिए    ...और इनकी माँ बहन तो सिर्फ गलियों के लिए ही है . हमारे  देश मैं तो बिना गलियों के बात ही नहीं होती। या कुछ ऐसा  ही रिवाज़ है। अब आप कहोगे हममे संसकर्ति मैं तो इस तरह तो नहीं होता अगर आप का जबाब यही है तो प्लीज उन लोगो को रोकिये जो गुटके की तरह चबा  कर गलियों से माँ बहन बेटी का रिश्ता जोड़ते है और अपने गंदे मुँह का स्वाद बदल देते है ..नहीं तो  हम मां, बहनें, बेटियां आपकी गालियों के लिए होनेवाले अपने इस्तेमाल के लिए तैयार हैं.लेकिन  याद रखे की इसमें आपकी माँ बहन या बेटी भी इनमे शामिल है ...

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