- दिल्ली एक बार फिर गैंग रेप की सनसनीखेज वारदात से शर्मसार है। मेडिकल की स्टूडेंट को उसके बॉयफ्रेंड के सामने बंधक बनाकर चलती बस में दरिंदों ने हवस का शिकार तब तक बनाते रहे जब तक वह बेहोश नहीं हो गई। दिल्ली शहर, जहां इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद हो, इसके बावजूद शहर में इस तरह की घटना बहुत बड़ी बात है।आज भारत हर रोज ऐसे किस्से होते हैं और हम ऐसी वारदात होने के बाद जागते हैं। फिर कहते हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन कोई घटना होने से पहले उसे रोकने की कवायद नहीं करता। लेकिन देश में हर 22वें मिनट में और दिल्ली में हर 28वें मिनट में किसी लड़की या महिला के साथ बलात्कार होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वक्त आ गया है कि बलात्कार के लिए फांसी की सजा होनी चाहिए? ऐसे दरिंदों के लिए फांसी की सजा बहुत कम हैं इन्हें उम्र भर तड़पाया जाए तो भी कम होगा। उन्हें ऐसी सजा दी जानी चाहिए ताकि ऐसा कुछ करने से पहले उनकी रूह तक कांप जाएं। इस कांड के बारे मैं राजनेताओं ने गैंगरेप पर संसद से लेकर सड़क तक जोरदार बहस शुरू कर दी है लेकिन समाज में स्वस्थ स्त्री-पुरुष संबंधों का न होना भी इस तरह की घटनाओं का कारण बना रहा है। तमाम खुलेपन के बावजूद युवाओं में तरह-तरह की कुंठाएं भी हैं।युवा वर्ग को यह समझना पड़ेगा कि लड़के-लड़की में फर्क नहीं है। लड़कियां उतना ही काम कर सकती हैं, जितना पुरुष कर सकते हैं। एक-दूसरे को समझें और स्वस्थ रिश्ते कायम करें। इस तरह की घटनाओं को सिर्फ क्राइम मानकर उनका हल न खोजें, बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत तौर पर इसको गलत मानकर इसका बहिष्कार करें ..
Basically I love life and I love living life and enjoy the traveling, share marketing, smileing to cultural events, and socializing with quality people. Its just better living and sharing life with someone else
Thursday, 20 December 2012
गैंगरेप
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समाज
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