Friday 17 May 2013

प्यार की याद

मेरे बैंक एक सहकर्मी है उनके पास नई  बातो का पिटारा है कई हाजिर जबाब है मुझे ये काफी आशिक मिजाज लगे इस तरह के लोगो से मैं दूर ही रहती हु  लेकिन बतीस  बर्सीए व्यक्ति के बारे मैं जानकार कि उनने शादी नहीं की। तो मुझे काफी अजीब लगा
कमाल की बात है जिस के पास इतनी हाजिर जबाबी हो वो अनमेरिड क्यों है ..
जानने की इच्छा हुई और आखिर एक दिन पूछ ही लिया .कि  आप अनमेरीड क्यों है ? तो उन्होंने बताया कि कॉलेज लाइफ में उन्हें एक लड़की के साथ अफेयर था .लेकिन जाति अलग होने के कारण वे शादी नहीं कर सके कोशिस तो उन्होंने की .लेकिन हालात के आगे मजबूर हो गए .साथ ही लड़की भी शादी के लिए समाज से नहीं लड़ सकी और उसने आत्महत्या कर ली .और उसकी याद मे ये   सहकर्मी आज भी अनमेरिड है .मैं सोचती हू कि इस तरह की कहानिया तो फिल्मो मे ही मिलते है लेकिन हकीकत में भी इस तरह से होता है आज जाना ......आजकल तो ऐसी हकीकत शायद ही मिले .अब प्यार तो पानी का बुलबुला है जो फूटता रहता है तू नहीं तो और सही का बोलबाला है प्रतिदिन  आशिक बदले जाते है . 
खैर फिर भी उन सहकर्मी को मेरी दिल से रिक्वेस्ट है .कि अच्छी सी लड़की को देखकर जीवनसाथी बन जाये .किसी की याद में जिन्दगी भर अकेला नहीं रोया जाता है और भी परिवार की कई जिम्मेवारी होती है .जिन्हें निभानी पड़ती  है .आज ज़वा है कल जर अवस्था में किसी साथी की जरुरत महसूस होगी .वैसे भी मुझे लता जी का गाना याद आ रहा है 
                 छोड़ दे ये दुनिया किसी के लिए ये मुनासिब नहीं जिन्दगी के लिए 
                        प्यार से भी जरुरी कई काम है  प्यार सबकुछ नहीं जिन्दगी के लिए

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