Saturday 22 June 2013

Rape and clothes

मेरे शहर मे बलात्कार की घटना हुई एक बच्ची के साथ खबर पढ़कर मुझे एक पुलिस अफसर की घटना याद आई .कि काफी समय पहिले उन महाशय ने कहा था ,कि बलात्कार का कारण महिलाये खुद है 'उनके भड़कीले कपडे के कारण वे
लोगों को बलात्कार के लिये आकर्षित करती है 'में सोचती हु कि अगर भड़कीले कपड़ो के कारण ही   बलात्कार होता तो मल्लिका शेरावत ,विपाशा का इस मामले मे कई बार उनका बलात्कार हो गया होता .मेरे अनुसार बलात्कार का कारण लोगों की उनकी गन्दी  मानसिकता है .जो फिल्मो एड और अधकचरी किताबों जो सेक्स का विकृत रूप दिखाती है .आज किसी भी बुक स्टालों या पुल के नीचे ठेले वाले जो किताब बेचते है वहां सबसे पहिले इसी तरह की किताबो का ढेर मिल जायेगा ..और रही सही कसर टीवी और इन्टरनेट ने निकाल दी है .जो टीवी में भ्रमित एड का बाज़ार मिल जायेगा और हर चेनल में हर तरह की घटनाओ को तड़का लगाकर दिखाता है कि विकृतमानसिकता को उभारता है किसी कहानी या घटना को इस तरतीब से बताता है कि अपराधी को अपराध करने का नया तरीका आसानी से मिल  जाता है और उसे अपराध करने पर की गयी गलती का पता चल जाता है और वो शातिर अपराधी बन जाते है .जरा सोचिये कोई कार अचानक रुकती है और सड़क पर अकेली जा रही लड़की को दबोच कर उसके भीतर खींच लेते है। तो क्या कार में बैठे युवक उस लड़की की अदाओं पर आकर्षित हो कर अचानक आपा खो बैठे ? या थानों में जिन महिलाओ के साथ छेड़छाड़, या बलात्कार होता है, क्या वे फैशनेबल कपड़े या छोटी स्कर्ट पहने हुए होती हैं नहीं शायद आपके ख्याल से ब्यूटी पार्लर से निकल कर सीधे थाने जाती हैं? और तो और पागल महिलाओं जो किसी रेलवे स्टेशन में कही न कही घुमती मिल जाती है उनके साथ कौन बलात्कार करता है? जब बलात्कारकी घटना किसी बच्ची या बूढ़ी महिला के साथ होता है आये दिन कभी तीन साल की बच्ची या सत्तर साल की महिला का बलात्कार यानि उम्र  सुरक्षाका ग्राफ भी नहीं है .बस अपराधी को बलात्कार के लिए औरत होनी चाहिए जब दिमाग में ही गंद है तो क्या कर सकते है और जिस तरह् हमारे  समाज के लोगो में विकृत मानसिकता उभर रही है उसे खत्म करने के लिए उपाय सोचना चाहिए ,लेकिन जिस तरह चेनल फिल्मों और तेज तरार नेटवर्क है उससे बचना मुश्किल ही लगता है