Wednesday 31 July 2013

वसीयत

मनुष्य की मौत ही अंतिम सच्चाई है पर लोग इस विषय पर चर्चा करने से डरते है तो कई भावनात्मक डर से ... इस वजह से कई बार सम्ब्दित परिवार को भरी कीमत चुकानी पड़ती है ,इसी क्रम मैं एक  दस्तावेज 'वसीयत ' है ,जो मैं समझती हु कि लोग वसीयत नहीं बनवाते है ,एक दस्तावेज जो मौत के बाद उसकी सम्पति के अधिकार को दुसरे व्यकित के पास हस्तातरित करता है ,लोग अपनी जायदाद को योजना से तार्किक तरीके से बटवारा करने मैं कई बातो को नजरअंदाज   कर जाते है कहने को साधारण बात है लेकिन ये बड़ी बात है , लोग अपने घर गहने जमीन को ही जायदाद मानते है लेकिन इसके और भी हिस्से जैसे  घरेलू सामान,  बैंक में जमा रकम, पीएफ,शेयर्स, किसी कंपनी की हिस्सेदारी भी होती है   वसीयत बनाने मैं ज्यादा टाइम नहीं लगता  इसे सादे पेपर मैं भी बनाया जा सकता है बस दो गवाह की जरुरत होती है लेकिन कुछ बातो का ध्यान रखना चाहिए 
(1)वसीयत बनाते  समय सरल सब्दॊ का उपयोग करना चाहिए
(2)वसीयत के हर पन्ने पर sign  होना चाहिए
(3)वसीयत कर्ता का नाम पता तारीख जरुर लिखना चाहिए
(4)वसीयत के बदलाव करने की दशा मैं वसीयतकर्ता और गवाह के sign  जरुर हो
(5)वसीयत मैं जायदाद का विवरण विस्तृत होना चाहिए
(6)ये याद रखे वसीयत का निर्माण स्टाम्प पेपर पर नहीं हो सकता 
(7) बेटियों को नजरअंदाज न करें। याद रखें, कानून उन्हें बराबर का हक देता है।
(8)वसीयत बनाते समय स्वेच्छा होनी चाहिए