Saturday 31 August 2013

ONION

आज मैने एक पुराना शापिंग बैग खोल कर देखा.देखकर अच्छा लगा कि उसमे दो छोटी प्याज थी. मैंने मई महीने की लू से बचने के लिए रख रखी थी.उसके बाद कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं गया था .प्याज देखकर ख़ुशी मिली जैसे कोई बिछड़ा हुआ मिल गया जिस तरह से
इसका दाम बढ़ गया है उससे तो लगता है कि शेयर मार्किट से ज्यादा प्याज मार्किट में ज्यादा मुनाफा है तीन महीने पहिले सात रुपया से सत्तर रुपया का सफ़र हो चूका है. इतना फायदा तो जमीन बेचने खरीदने में भी नहीं होगा.खैर जो भी हो में सोच रही हु कि बैंक जाब छोड़कर प्याज होल सेल डीलर ही बन जाऊ जब मेरे गोदामों में प्याज के कई ट्रक रोज आते जाते रहेंगे तो दिल को कितनी ख़ुशी मिलेगी अरे भई महगाई और प्याज में पुराना रिश्ता है ये तो बड़ी बड़ी सरकार गिरा देती है.तो क्या इसकी मदद से में बड़ा बिजनिस नहीं कर पाऊँगी.कुछ भी हो आज से ही प्याज डीलर बनना पड़ेगा.”अरे यह क्या माँ ने आवाज दे रही है कि दाल सब्जी बना ले उफ्फ और घर में प्याज नही है अब इसी दो प्याज से सब्जी दाल का तड़का लगाना पड़ेगा.अब तो लगता है.कि मेरा प्याज डीलर बनाने का सपना ही रह जायगा.घर में प्याज नहीं और में कहां प्याज होल सेल डीलर बनने की सोच रही हु. सो दोस्तों अब मेरी बैंक की जॉब ही ठीक है

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